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अखिल भारतीय जादौन क्षत्रिय फोरम (पंजी)

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जय यदुवंश                                          जय श्री कृष्ण                                                                                                       श्री कृष्ण जी                                         श्री बज्रनाभ जी  अखिल भारतीय जादौन क्षत्रिय फोरम (पंजी) नमस्कार साथियो दोस्तो इस संगठन को बनाने का उद्देश्य समस्त भारत में रह रहे जादौन क्षत्रिय भाइयों को एक मंच पर लाना आपसी परिचय इतिहास की जानकारी एवं सामाजिक कुरीतियों के बारे में जानकारी देने जैसे विषयों को लेकर किया गया है। इन सभी उद्देश्...

अखिल भारतीय जादौन क्षत्रिय फोरम - सदस्य सूची

अखिल भारतीय जादौन क्षत्रिय फोरम - आजीवन  सद स्य सूची   कृपया नीले रंग में दिखाई दे रही सदस्य सूची को क्लिक करें।

शिकायत गोविंद से

 बुलाते रहते हो हमें ही कभी मथुरा कभी व्रंदावन बुलाते रहते हो हमें ही कभी मथुरा कभी व्रंदावन

राजस्थान के जादोँ क्षत्रियों के गावों की जानकारी

राजस्थान के जादौन क्षत्रियों के गांव   साथियो इस सूची में मैंने राजस्थान के जादोँ क्षत्रियों के गोवों की जानकारी इकट्ठी की है, इसमें अभी भी कुछ गाँव रह गए हैं। कृपया आप मुझे बताएं और जो भी समझाएं उसे भी बताएं।  धन्यवाद  डी पी सिंह जादौन  मोब - 9555387215 

जादों क्षत्रियों के गोत्र, उपगोत्र/कुल

जादों क्षत्रियों के गोत्र, उपगोत्र / कुल   दोस्तों जादों क्षत्रियों के कुलों को जानने के लिए आप ऊपर लिखे हुए नीले अक्षरों में जादों क्षत्रियों के गोत्र उप गोत्र कुल को क्लिक करें उससे पूरी फाइल खुल जाएगी  धन्यवाद डी पी सिंह जादौन 9555387215 इसके अलावा आपके पास कोई जानकारी हो तो कृपया मुझे बताएं मैं उसे ऐड कर दूंगा।

इतिहास की कुछ प्रमुख जौहर की घटनाएं

  साथियों इतिहास में जब भी जौहर की बात आती है तो सबसे पहले हमारे जेहन में रानी पद्मावती का नाम आता है आज मैं आपको बताता हूं कि रानी पद्मावती ने इस प्रथा को कायम रखा यह प्रथा पहले से ही हमारे क्षत्रिय समाज में मौजूद थी। अब मैं आपको सिलसिलेवार बताता हूं के पहले जौहर कब हुआ और रानी पद्मावती के बाद भी जौहर कब-कब हुए। 1- ईस्वी सन् 1046 में यदुवंशी राजा महाराज विजयपाल और अबू बकर कंधारी के बीच कनाबर बयाना और बेर के मध्य युद्ध हुआ युद्ध में महाराज विजयपाल की जीत हुई और वहां से सैनिक दुश्मन के झंडे लेकर खुशी में किले की तरफ दौड़ पड़े किले के रक्षकों ने दूर से दुश्मन के झंडे देखें और अनुमान लगाया कि युद्ध में महाराज वीरगति को प्राप्त हुए हमारी हार हुई और यह सोच कर उन्होंने महल में रह रही सभी क्षत्राणियों का जौहर करवा दिया और महल को आग के हवाले कर दिया जब सैनिक दुश्मनों के झंडे लेकर नजदीक आए तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ उसके बाद महाराज विजयपाल आए उन्हें इस बात का बहुत गहरा सदमा लगा यह कैसा जोहर था जो युद्ध जीतकर भी हुआ इससे दुखद घटना और कोई नहीं हो सकती। संदर्भ - 1-पूगल का इतिहास पृष्...

जादौन गोत्र कुल ऊपकुल विस्तार

 नमस्कार साथियों नीचे नीले अक्षरों में लिखा हुआ गोत्र विस्तार इसको क्लिक करके आप यह जान सकते हैं कि आप का गोत्र और कहां कहां पाया जाता है धन्यवाद अगर कहीं कोई कमी है तो कृपया मुझे मेरे नंबर 95 55 38 7215 पर बताएं यह लिस्ट अभी पूरी नहीं है जैसे-जैसे मेरे पास जानकारी आती जाएगी इसमें मैं अपडेट कर दूंगा। गोत्र विस्तार