जय राजपुताना सभी दोस्तों को देवेंद्र पाल सिंह जादौन का सदर प्रणाम। साथियों इस पोस्ट में मैं जादौन राजपूत कहां रह रहे हैं और उन गांव में कौन-कौन से उप गोत्र या मिल कुल हैं इसकी जानकारी देने की कोशिश है अभी यह प्रयास अधूरा है लेकिन मैं इसे आप लोगों तक इसलिए ला रहा हूं ताकि इसमें और जानकारी का संबंध हो सकता है। आप इसमें अपनी गली और अपने ब्लॉक के होश से अपने गांव को देखें और अगर आपका गांव या उस गांव में आप का उप गोत्र या कुल नहीं है तो मुझे मेरे मोबाइल नंबर 9555387215 पर बताएं या इसी पोस्ट में कमेंट करें और अपना मोबाइल नंबर कमेंट करें दिया जिससे मैं आपसे कैसे बात करूँ अब जाऊं कि आप इसे देखें तो सबसे पहले अपना जनपद देखें कि उसके बाद उसका नीला अक्षर में ब्लॉक लिखा जाएगा तो उस ब्लॉक में भी गांव हैं वह सब आपके सामने आ जाएंगे। धन्यवाद। जनपद अलीगढ़ उत्तर प्रदेश ब्लॉक अकराबाद ब्लॉक चंदौस ब्लॉक खैर ब्लॉक जवां ब्लॉक धनीपुर ब्लॉक लोधा ब्लॉक इगल...
एक ही कुल में विवाह की परंपरा 1 - जादौन क्षत्रियों में अलीगढ़ आगरा एटा हाथरस बुलंदशहर मथुरा गाजियाबाद गौतमबुद्धनगर आदि मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्से में उपगोत्र या उपकुल बचाकर आपस में विवाह होते हैं ! 2 - चौहान और भदौरिया क्षत्रिय एक ही कुल के हैं आपस में विवाह करते हैं ! 3 - मेरठ बागपत बिजनौर के कुछ चौहान आपस में विवाह करते हैं ! 4 - गुजरात में जडेजा चूड़ासमा और सरवइया क्षत्रिय एक ही कुल के हैं आपस में विवाह करते हैं ! 5 - सिसोदिया और कुशवाहा क्षत्रिय एक ही कुल के हैं आपस में विवाह करते हैं ! 6- कुशवाह एवं राठौर कुश के वंशज अयोध्या के आखिरी राजा सुमित के पुत्रों के वंशज हैं जो आपस में शादी करते हैं l 7- सिसोदिया एवं बडगूजर ( राघव / सिकरवार ) दोनों ही लव के वंशज हैं आपस में शादी करते हैं । 8- परिहार एवं बेस लक्ष्मण के वंशज हैं आपस में शादी करते हैं । 9- मध्य प्रदेश के शिवपुरी क्षेत्र में रघुवंशी राजपूत भी आपस में शादियां करते हैं उन्होंने अपनी जागीरों और अपने निकास क्षेत्र के आधार पर कुल बना रखे हैं जिन्हें हम उप गोत्र भी कह सकते हैं।आपस म...
साथियों इतिहास में जब भी जौहर की बात आती है तो सबसे पहले हमारे जेहन में रानी पद्मावती का नाम आता है आज मैं आपको बताता हूं कि रानी पद्मावती ने इस प्रथा को कायम रखा यह प्रथा पहले से ही हमारे क्षत्रिय समाज में मौजूद थी। अब मैं आपको सिलसिलेवार बताता हूं के पहले जौहर कब हुआ और रानी पद्मावती के बाद भी जौहर कब-कब हुए। 1- ईस्वी सन् 1046 में यदुवंशी राजा महाराज विजयपाल और अबू बकर कंधारी के बीच कनाबर बयाना और बेर के मध्य युद्ध हुआ युद्ध में महाराज विजयपाल की जीत हुई और वहां से सैनिक दुश्मन के झंडे लेकर खुशी में किले की तरफ दौड़ पड़े किले के रक्षकों ने दूर से दुश्मन के झंडे देखें और अनुमान लगाया कि युद्ध में महाराज वीरगति को प्राप्त हुए हमारी हार हुई और यह सोच कर उन्होंने महल में रह रही सभी क्षत्राणियों का जौहर करवा दिया और महल को आग के हवाले कर दिया जब सैनिक दुश्मनों के झंडे लेकर नजदीक आए तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ उसके बाद महाराज विजयपाल आए उन्हें इस बात का बहुत गहरा सदमा लगा यह कैसा जोहर था जो युद्ध जीतकर भी हुआ इससे दुखद घटना और कोई नहीं हो सकती। संदर्भ - 1-पूगल का इतिहास पृष्...
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